दो ही शब्द हैं दुनिया में! एक जो तुम कहती हो, एक जो मैं लिखता हूँ!!
धरती की तरह सह जाता नदी की तरह बह जाता चिड़िया की तरह कह जाता तो दुख की तरह रह जाता मैं भी मन में और जीवन में!
बहुत बढ़िया।
बहुत बढ़िया।
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