दो ही शब्द हैं दुनिया में! एक जो तुम कहती हो, एक जो मैं लिखता हूँ!!
बारिश में एक साथ भीगने की कल्पना थी मन में इसलिए तुम्हें प्यार किया मैंने।
मैं धरती पर था इसलिए प्यार करती रही धरती मुझे ...और कभी भीग नहीं पाया मैं धरती के संग बारिशों में!
बहुत खूब
बहुत खूब
ReplyDelete