दो शब्द
दो ही शब्द हैं दुनिया में! एक जो तुम कहती हो, एक जो मैं लिखता हूँ!!
Saturday, 17 August 2013
कठपुतली और कहानी - राकेश रोहित
क्या
आपने
कभी
कठपुतली
का
नाच
देखा
है
?
चमक
-
दमक
और
रंगों
से
सजे
मंच
पर
नाचते
हैं
वे
,
पर
उनके
अंदर
कोई
कहानी
नहीं
पलती।
वे
,
जिनके
अंदर
कोई
कहानी
नहीं
पलती
कठपुतली
बन
जाते
हैं
!
कठपुतली और कहानी / राकेश रोहित
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