Saturday 17 November 2018

प्रेम की प्रतीक्षा में - राकेश रोहित

प्रेम की प्रतीक्षा में
सौ फूल झरे
तब उसने मुड़ कर देखा

फिर सौ मौसम बदले
वह नहीं बदली।

2 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (19-11-2018) को "महकता चमन है" (चर्चा अंक-3160) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    राधा तिवारी

    ReplyDelete
  2. Very nice post...
    Welcome to my blog for new post.

    ReplyDelete