दो शब्द
दो ही शब्द हैं दुनिया में! एक जो तुम कहती हो, एक जो मैं लिखता हूँ!!
Wednesday, 28 November 2012
तुम्हारी हँसी - राकेश रोहित
इस तरह हँसी फैल गयी तुम्हारी...
लगता है कहीं सौ फूल खिलखिलाये होंगे!!!
तुम्हारी हँसी / राकेश रोहित
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