दो शब्द
दो ही शब्द हैं दुनिया में! एक जो तुम कहती हो, एक जो मैं लिखता हूँ!!
Saturday, 22 December 2012
एक स्वप्न की तरह - राकेश रोहित
एक स्वप्न की तरह तुम सहेजती हो जीवन!
एक स्वप्न की तरह तुम्हें सहेजता हूँ मैं!!
एक स्वप्न की तरह / राकेश रोहित
Saturday, 15 December 2012
उजली सुबह - राकेश रोहित
सुबह उठा तो तेरा नाम लिया
और तब से यह सुबह इतनी उजली है.
उजली सुबह / राकेश रोहित
खोया हुआ एक पल - राकेश रोहित
जब दुनिया बन रही थी
एक पल कहीं खो गया,
तभी से सारी कायनात
उसकी तलाश में घूमती है.
खोया हुआ एक पल / राकेश रोहित
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