दो शब्द
दो ही शब्द हैं दुनिया में! एक जो तुम कहती हो, एक जो मैं लिखता हूँ!!
Friday, 1 March 2013
अँधेरे में मोमबत्ती - राकेश रोहित
तेरी याद भी जब छोड़ देती है साथ
तब सिर्फ कविता खड़ी होती है मेरे पास
जैसे अँधेरे में मोमबत्ती
सिर्फ मोम की तरह जलता हूँ मैं!
तेरी याद / राकेश रोहित
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