Monday 15 January 2018

नदी से एक स्त्री की बातचीत- राकेश रोहित

नदी किनारे
गीली मिट्टी पर
उसने पाँच बार सिंदूर लगाया
फिर हँस कर उसने देखा नदी को
और नदी सुहागन हो गयी।

5 comments:

  1. लाजवाब शब्द ... नारी ख़ुद भी गहरी नदी है

    ReplyDelete
  2. बहुत शुक्रिया आपका! हार्दिक धन्यवाद!

    ReplyDelete
  3. अप्रतिम, राकेश रोहित जी..कविता के साथ-साथ इमेज भी लाजवाब है.

    ReplyDelete
  4. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete