दो शब्द
दो ही शब्द हैं दुनिया में! एक जो तुम कहती हो, एक जो मैं लिखता हूँ!!
Sunday 21 October 2012
नींद में हँसी - राकेश रोहित
नष्ट होनी ही वाली थी यह दुनिया
फिर इसे बचाने का जिम्मा
बच्चों की हँसी को सौंपा गया
और तब से बच्चे
नींद में भी हँसते हैं.
नींद में हँसी / राकेश रोहित
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