दो शब्द
दो ही शब्द हैं दुनिया में! एक जो तुम कहती हो, एक जो मैं लिखता हूँ!!
Saturday, 16 February 2013
प्यार की खातिर - राकेश रोहित
हर दिन सूरज तनहा जलता है,
हर रात अकेली सोती है.
दो फूल जहां में खिलते हैं,
जब बात प्यार की होती है.
दो फूल जहां में / राकेश रोहित
1 comment:
मंजुल भटनागर
8 June 2014 at 14:55
वाह अद्भुत -मंजुल
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