दो शब्द
दो ही शब्द हैं दुनिया में! एक जो तुम कहती हो, एक जो मैं लिखता हूँ!!
Sunday, 25 May 2014
तुम्हारी याद - राकेश रोहित
एक पन्ना मोड़ कर
जब तुमने बंद कर दी थी किताब
क्या उस समय तुम मुझे याद कर रही थी
?
या बस यह एक संयोग है
कि उस मुड़े पन्ने को देख
मुझे तुम्हारी याद आ रही है।
तुम्हारी याद / राकेश रोहित
Sunday, 11 May 2014
तुम्हारी हँसी - राकेश रोहित
जितना भी कहूँ
,
कहने से कुछ रह जाता है
सिर्फ तुम्हारी हँसी में समाती है सारी बात।
तुम्हारी हँसी में समाती है सारी बात / राकेश रोहित
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)