दो ही शब्द हैं दुनिया में!
एक जो तुम कहती हो,
एक जो मैं लिखता हूँ!!
Sunday, 25 May 2014
तुम्हारी याद - राकेश रोहित
एक पन्ना मोड़ कर जब तुमने बंद कर दी थी किताब क्या उस समय तुम मुझे याद कर रही
थी? या बस यह एक संयोग है कि उस मुड़े पन्ने को देख मुझे तुम्हारी याद आ रही है।
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