Sunday 25 May 2014

तुम्हारी याद - राकेश रोहित

एक पन्ना मोड़ कर
जब तुमने बंद कर दी थी किताब
क्या उस समय तुम मुझे याद कर रही थी?
या बस यह एक संयोग है
कि उस मुड़े पन्ने को देख
मुझे तुम्हारी याद आ रही है।

तुम्हारी याद / राकेश रोहित 

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