दो ही शब्द हैं दुनिया में! एक जो तुम कहती हो, एक जो मैं लिखता हूँ!!
एक दिन खिड़की से चाँद को बुलाऊंगा और सो जाऊंगा, तुम देखना फिर उत्तप्त धरती पर कैसे बरसती है चाँदनी!
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