Tuesday 2 December 2014

नदी, पत्ती और प्रेम - राकेश रोहित

कई बार नदी पर तैरती पत्ती से भी
हो सकता है प्रेम
कई बार प्रेम ही होता है
जो पत्ती को डूबने नहीं देता!

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