दो ही शब्द हैं दुनिया में! एक जो तुम कहती हो, एक जो मैं लिखता हूँ!!
कई बार नदी पर तैरती पत्ती से भी हो सकता है प्रेम कई बार प्रेम ही होता है जो पत्ती को डूबने नहीं देता!
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