दो ही शब्द हैं दुनिया में! एक जो तुम कहती हो, एक जो मैं लिखता हूँ!!
कविता लिखकर हर बार मैंने तुमको सुनाने का इंतजार किया तुमने कहा समय नहीं है!
फिर मैंने पत्तों को सुनाई कविता उस बरस वसंत में बहुत फूल आए।
अब फूलों को तुम्हारा इंतजार है मैं जानता हूँ तुम्हारे पास समय नहीं है!
क्या कहने....बहुत सुंदर
क्या कहने....बहुत सुंदर
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