Saturday, 20 February 2016

प्रेम - राकेश रोहित

वह क्या है जो कह दिया जायेगा
फिर भी कहने से रह जायेगा
जैसे प्रेम
जिसे मैं छूता हूँ
यद्यपि वह स्पर्श से परे है!

2 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (21-02-2016) को "किन लोगों पर भरोसा करें" (चर्चा अंक-2259) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. बहुत सुन्दर

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