दो ही शब्द हैं दुनिया में! एक जो तुम कहती हो, एक जो मैं लिखता हूँ!!
अंधेरी धरती से पीला रंग निकालकर जहाँ उछाह से उमगते हों सरसों के फूल वहीं खड़े होकर मैं चूमना चाहता हूँ तुम्हारे होठों पर चमकते वसंत को!
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