Wednesday, 16 October 2019

यह अबूझ भाषा - राकेश रोहित

जो कहना है 
नहीं कहो
फिर कहो क्या तुम मुझे प्यार करते हो

फूलों से सीखी है मैंने 
यह अबूझ भाषा 
चुप रह कर भी बोल सकती है
पंखुड़ी प्यार में!

1 comment:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (17-10-2019) को   "सबका अटल सुहाग"  (चर्चा अंक- 3492)     पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।  
    --
    अटल सुहाग के पर्व करवा चौथ की
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ 
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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