दो ही शब्द हैं दुनिया में!
एक जो तुम कहती हो,
एक जो मैं लिखता हूँ!!
Monday, 14 October 2013
एक दिन जब होगी उम्मीद - राकेश रोहित
एक दिन मेरे पास इतनी उम्मीद होगी कि मैं अपने कहे शब्दों से प्यार करने लगूँगा! उस दिन असत्य के सामने इतनी रोशनी होगी कि साफ झलकेगा उसका नकलीपन, उस दिन विश्वास से चमकेंगी उत्सवधर्मी शुभकामनाएँ!!
बहुत सी शुभ कामनाएं .मंजुल
ReplyDelete