दो ही शब्द हैं दुनिया में!
एक जो तुम कहती हो,
एक जो मैं लिखता हूँ!!
Monday, 21 October 2013
प्यार का अनुवाद - राकेश रोहित
जब नष्ट हो रहा हो सब कुछ और दिन आखिरी हो सृष्टि का मेरे प्रिय, तुम मुझे प्यार करती रहना!
...क्योंकि यह प्यार ही है जिसका कविता हर भाषा में अनुवाद उम्मीद की तरह करती है.
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