दो ही शब्द हैं दुनिया में!
एक जो तुम कहती हो,
एक जो मैं लिखता हूँ!!
Saturday, 5 April 2014
रहने लायक यह दुनिया - राकेश रोहित
कुछ कहानियों ने हमें
इंसान बनाया कुछ कविताओं ने उदासी में थामा
हाथ दुनिया यूँ ही नहीं हो गयी रहने
लायक सदियों से, सुंदर फूलों के बीज बचाते आए हैं
कुछ लोग।
सुंदर फूलों के बीज बचाते आए हैं कुछ लोग/ राकेश रोहित
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