दो ही शब्द हैं दुनिया में! एक जो तुम कहती हो, एक जो मैं लिखता हूँ!!
पढ़ने को तो मैं पढ़ता हूँ बादलों का लिखा लेकिन नहीं पढ़ पाया वो किताब जिसके पहले पन्ने पर तुम्हारा नाम लिखा है और बाकी सफे खाली हैं।
सुन्दर रचना।लगातार लिखते रहा करो।
पहले पन्ने पर लिखे नाम को परमानेंट मारकर से मार्क करिए और बाकी पन्नों पर ज़िंदगी लिख दीजिए... रचते रहिए संसार...रचते रहिए रचनाएँ....!!
सुन्दर रचना।
ReplyDeleteलगातार लिखते रहा करो।
पहले पन्ने पर लिखे नाम को परमानेंट मारकर से मार्क करिए और बाकी पन्नों पर ज़िंदगी लिख दीजिए...
ReplyDeleteरचते रहिए संसार...
रचते रहिए रचनाएँ....!!